सोमवार, ४ जानेवारी, २०१६

--------||उत्तरायण -मकरसंक्रात ||-------


                         --------उत्तरायण -मकरसंक्रात ---------
आपले परके काही नसते ,लहान -मोठे काही नसतं '
सहानुभूति दुक्खात ,सहभाग आनंदात ,तेच नांत खंर असतं ,
कधी -कधी गाठी सोडवणे अवघड असतं ,तेंव्हा सण हे एक सोल्यूशन असतं ,
                          म्हणूनच सणांचे सेलिब्रेशन असतं ------------
गुळात गोडवा नखशिखांत ,ओत -प्रोत स्नेह (तेल )चिमुकल्या तिळात ,
होवो प्रेमाचे संक्रमण मनामनात -घराघरात -----------. 
                            

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