शुक्रवार, ४ ऑगस्ट, २०१७

होरी

                     होरी 
होरी आई जी ,देखो होरी आई ..... 
गिले -सुखे रंगो की होनेदो  दिलसे दिल की जमाई ,
साल और महिनोंकी ,करनी होगी खुशी -खुशी बिदाई ,
इसी बिदाई से जनमेगी ,नये साल की नई बधाई ,
प्रीत की एक अनोखी रीत ,फागुन ने सिखलाई ,
गोरी रंग गई श्याम रंग में ,अखियोंको दुजा रंग ना दे ,कोई दिखाई !!
राधा कहे -तेरा तुझको अर्पण ,अपनालो  हरदम के लिये  मेरे श्याम कन्हाई !!

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा