रविवार, ६ नोव्हेंबर, २०१६

लव्ह &वॉर

                लव्ह &वॉर  
आझादीकी आगसे टूट सकती है ,गुलामीकी जंजीर ,
दूध में उबल उबल करही ,चावल की बनती है खीर ,
आमने -सामने लडनेवाले को कहा जाता है वीर ,
व्यक्ती हो या देश ,प्रेममें लड मरने वालेको सताती नहीं कोई फिकिर ,
लव्ह और वॉर में हुए छल को लोग कहते हैं तकदीर ,
जीतने के लिये अच्छे अच्छे को पीछेसे भोंकना पडता है खंजीर ,
बाणोसे तीखा होता है ,कलम से निकला शब्दोंका तीर ,
साम -दाम -दंड -भेद कई हतखंडे अपनाके करना पडता है ,दूध का दूध नीर का नीर . 

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